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प्रेम दिवस

अघोरेभ्योथघोरेभ्
अघोरेभ्योथघोरेभ्
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मेरा हर दिन प्रेम दिवस है,मेरा हर उत्सव वासंती|
मेरी दुनिया रंग रंगीली,एक दिवस में कई जयंती|
कण कण, तृण तृण, अणु अणु जीवन|
सभी हैं चेतन, कौन अचेतन?
कान्हा की वंशी बजती तो –
झूम झूम नर्तन करता मन|
तुम्हे मुबारक वेलेंटाइन,
हमको मन्मथ, मदन जयंती|
मेरा हर दिन प्रेम दिवस है,मेरा हर उत्सव वासंती|
भूल गए तुम,मुझे याद पर,
तेरा प्रणय दिवस कल बीता|
हाँथ, पाँव कितने ही पटके,
रहे किन्तु रीता का रीता|
दीवानों में आ जाओ अब,
आलिंगन को व्यग्र है छाती|
मेरा हर दिन प्रेम दिवस है,मेरा हर उत्सव वासंती|
तुम सीमाओं में जकड़े हो,
यह असीम साक्षात् ब्रम्ह है|
लालच, लिप्साहीन प्रणय तो –
शुभ संस्कृति का मेरुदंड है|
यहाँ तो कोई बात कभी भी –
नहीं बिगडती, सदा है बनती|
मेरा हर दिन प्रेम दिवस है,मेरा हर उत्सव वासंती|

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